नारद: योगी अश्विनी का सच - घटिया एक व्यापारी

Saturday, April 14, 2012

योगी अश्विनी का सच - घटिया एक व्यापारी



आप लोगो ने सुना होगा, हर चोर दूसरे साव को चोर कहता है, यही हालत योगी अशिविनी कि है, खुद तो एक व्यापारी है और दूसरे ( बाबा राम देव जी ) को हमेशा से ही  व्यापारी कहते रहे हैं. आज स्टार न्यूज़ पे बहस देख रहा था, स्टार  न्यूज़ कि पेड  सुन्दर, शुशील (ठेठ में  कहा जाए तो सेक्सी) वक्ता बखूबी बहस कर रही थी, और कोशिश कर रही थी कि राम देव का नाम बार बार आये जबकि चर्चा  निर् -मल बाबा कि हो रही थी. 

अब स्टार न्यूज़ भी क्या करे, करार खत्म हो चला था, "निर् मल" अपना मल (पैसा)  अबकी साल स्टार टी वी को नहीं देने के मूड में थे, तो  स्टार टी वी वालो ने खुद निर् -मल के मलमल मुह पे मल कर दिया, आखिर बदला बदला होता है भाई, इसमें हिसाब किताब पक्का होना चाहिए, नहीं तो यही स्टार न्यूज़ है जो "निर् -मल " बाबा का मल   कुछ दिन पहले तक "मखमल " दिखाती थी, और अबकी साल जब रुपया मिलने का आसार न रहा  तो "मख" माईनस कर दिया.    तमाम लोग आये थे चर्चा पे इस चैनल पे जैसा कि हमेशा होता है है. उसमे एक अश्विनी जी भी है जो रामदेव जी को व्यापारी कहते है. 

मैंने सोचा भाई तब इसका काम कैसे चलता होगा, तत्काल मैंने "गू -गल" बाबा का सहारा ले के इनकी वेबसाईट निकाली, तो पता लगा ये भी योगी है,  तो जाहिर सी बात है  एक योगी दूसरे प्रतिदंदी का अछ्छा कैसे चाह सकता है ??? अर्थात सूरज कितना भी बड़ा क्यों न हो जुगनू को जलन होती है, तो ये भाई साहब  बार बार रामदेव जी व्यापारी कहते नहीं अघाते , स्टार वालो कि बात न  करो , अभी नीचे उनके बारे  में भी बताता हूँ  और अश्विनी सदाचारी चोर के बारे में बताने से पहले बाबा रामदेव जी के बारे में कुछ स्पष्ट कर देता हूँ, बिंदु नीचे है :- 

. बाबा राम देव ने कभी ये नहीं कहा कि उन्हें "बाबा" कहो , ये तो हम जनता है  जो उन्हें बाबा कहती है, नहीं तो आप उनके वेबसाईट को चेक कर लीजिए , वहाँ भी "बाबा" नहीं स्वामी शब्द है. अब स्वामी तो कोई भी किसी को इज्जत देने के लिए कह देता है , वो बात अलग है कि उस स्टार न्यूज़ वाली  महिला को कितने भी पैसे दिए  जाए (पत्रकारिता के इतर ) वो हमको आपको स्वामी नहीं कहेगी ( हा हा , समझा करो भाई , तलाक हो जायेगा उसका ). 

२.  राम देव जी अन्य बाबाओ से  अलग इसलिए हैं क्योकि वो कोरा  भाषण  के  अलावा भी देश को कुछ देते है, चाहे   वो स्वदेशी उत्पाद हो या  योग जिससे जीवन सही होता है, जबकि कोरा भासन तो मै भी दे  सकता हू. 
तो भाई जो स्वदेसी उत्पाद है उसको बनाने के लिए मिडिया दे दे पैसा , रामदेव जी तब किसी से सहायता शुल्क नहीं लेंगे, 
 अब आईये एक दूसरा पहलू देखे, चलो मान लिया रामदेव जी व्यापारी है, तो भी उनका व्यापार देश हित में है , देश के संस्कृति के हित में है, यो वैसे ही बाबा या स्वामी  मान्य हो जाते है चलो व्यापार का ही रामदेव जी बाबा या योगी मान लो , फिलहाल मै रामदेव जी बाबा या स्वामी इसलिए मानता हूँ कि उनका हर कदम , हर कार्य , हर बोल हमेशा राष्ट्र हित में रहा है चाहे वो व्यापार हो या योग या बोल , यदि आपको नहीं लगता तो तर्क दीजिए. यदि नहीं तो बंद कर दो  गाँधी के खादी भंडार देखो तो कितना धंधा करते है , और खादी तो मिलता भी महंगा है जींस से , तो मिडिया ये सिध्ध करने के चक्कर में है कि व्यापारी योगी कैसे ??  अब मेरा सवाल उन मिडिया कर्मी से . 

१. किसी भी डाक्टर को भगवान का रूप कहना छोड़ दो, क्योकि वो भी पैसे लेता है व्यापार करता है, यदि गलती से भी कह  दिया  तो कृपया अपनी गलती मान अपने मुह पे कालिख पोत लो. 

२. मिडिया खुद अपने आप को समाज का आईना और अपने आपको  पत्रकार कहना छोड़ दे, क्योकि वो पत्रकारिता कम और आजकल कंडोम ( और बाकि भी ) का विज्ञापन जादा दिखाती है. यदि अपने आप को पत्रकार कहते हो तो खुद से अपने मुह पे कालिख पोत गधे कि सवारी का आनंद लो. 

३. मिडिया को पैसा दो तो आपको भी भगवान बना देगी, नहीं दो तो, आप सब विज्ञ है समझ जाईये देख लीजिए    निर् मल को मखमल से  कैसे खटमल बना दिया. जबकि यही चैनल कुछ दिन पहले इसी निर् -मल को खटमल से मखमल बनाया करता था. 

४. राम देव ने कभी अंधविश्वास कि बात नहीं कि, हमेशा प्रामाणिक  रूप से देने कि कोशिश कि है, चलो माना  कि पैसा लेते है तो उसके बदले उत्पाद देते है , बाकी तो पैसा भी लेते है और कोर गप करते है, अपने पत्रकार बंधू भी रुपया ले(सैलरी-कौन जाने उपरी भी हो कुछ )  कुछ सही चीज नहीं दिखाते, तो कालिख का एक उम्दा पैकेट जेब में ले के घुमा करे और जिस योग्य है उस तरीके से उसका इस्तमाल किया करे.  

५. यदि इसी मिडिया को(स्टार न्यूज़ जैसे चैनल )  रामदेव पैसा नहीं देते, जाहिर सी बात है ये गलत है, अरे भाई ये चैनल समाज के आईना के नाम पर  पूरा बिजिनेस मैन, ऐसे कैसे नहीं दिया,??? धंधे वाली को पैसा नहीं दोगे तो धंधा कैसे होगा?? पागल हो ?? , अरे हम तो निर्- मल को मखमल बनायेंगे ,       क्यों ??                  चुप , क्या क्यों ?? अरे हम पत्रकारिता  कि आड़ में धंधे वाले है. समाज का आईना के नाम दूसरा चहरा दिखायेंगे ( पैसा दो तो सकारात्मक नहीं तो समझ जाओ , धंधे वाले है , मजाक नहीं कर रहे ). 

ब आईये अशिविनी जी के बारे में बात करते हैं जो ये कहते नहीं अघाते कि  रामदेव जी व्यापारी है ( मै पहले ही  बता चूका हूँ वो व्यापारी होते हुए राष्ट्र योगी है) तो भाई तुम भी अपना योग ज्ञान फ्री में क्यों नहीं देते , अश्विनी जी तमाम पुस्तक लिख चुके है जिसकी  लागत ५० रूपये से जादा नहीं लेकिन बेचते है ५०० से १२०० और उससे भी जादा, हे अश्विनी क्या ये कुटिल व्यापार नहीं है ???मै झूठ नहीं बोल रहा , यहाँ देखिये इन मनुभाव कि कीमत http://www.dhyanfoundation-books.blogspot.in/ , इनकी एक और वेबसाईट है http://www.dhyanfoundation.com/contact_us.php

अब आईये देखें ये डोनेशन कैसे मांगते हैं http://www.dhyanfoundation.com/what-is-charity.php जिसके सबसे नीचे लिखा है "Kindly note that Dhyan Foundation DOES NOT have any divisions. You are requested to make your donations in the name of Dhyan Foundation, payable at Delhi Account #00921000102439, HDFC Bank, GK, New Delhi.
Dhyan Foundation will not be responsible for donations made to any other account number other than the one mentioned herein."  

तो भाई अश्विनी बताओ ऐसा कौन सा काम कर रहे हो जो सिर्फ इक्षा शक्ति से पूरी हो जाती है बिना पैसे के ?? यदि ऐसा है तो फिर इस डोनेशन का क्या करते हो ???? 

साथ में मै पुरे होश हवास में इन सभी (चैनल और तथकथित बाबाओ) को  चुनैती देता हू कि मुझसे बहस करने का मौका मुझे दे , 
बाकी बाते भी मै जल्द ही खोद के आपके सामने रखूँगा. 

सादर 

कमल 
१४/४/२०१२ 

   

1 comment:

रविकर said...

नारद रखता है खबर, चोरों हो हुशियार |
खुद को कर लो शुद्ध फिर, लेना इससे रार ||